मेरी रैन बसे तेरी बाँहों में,
मेरी नैन लगे तेरी साँसों में
मैं छण-छण सदियाँ जीता हू, तेरी गह -कजरारी आँखों में....
यों पीता हूँ तेरे नेत्र-रस,
ज्यों ज़नम-ज़नम की प्यास लगे.
जैसे भ्रमर आवारा भटकल में,
उसे पुष्प-मिलन की आस लगे.
मैं ओढ़ हया लू सब तेरी, इन बदरारी बरसातों में.
मैं छण-छण सदियाँ जीता हू, तेरी गह -कजरारी आँखों में....
तेरी श्वाँस लगे मधुकर-चंदन,
मेरी रात्रि मधुर सावन-सी लगे.
तेरी बाँहों की वरमाला में,
मुझे आस लगे मेरी प्यास बुझे.
मेरा अन्तर-आत्म भीग गया,
तेरे प्रेम का सावन अस बरसे.
मेरा हिया-मयूर हर्षित होकर ,
तेरे प्रेम-मिलन का नृत्य करे.
मेरा तन-मॅन तुझ में डूब गया, इन बूँदियारी बरसतों में.
मैं छण-छण सदियाँ जीता हू, तेरी गह -कजरारी आँखों में....
मुझे प्रेम- पथिक तू अपनाले,
मैं प्रेम-रसिक बन जाऊंगा.
हिय में रख कर तेरा स्नेह-शुभ्र,
तेरा अनुग्रही कहलाऊँगा .
मैं प्रीत में तेरी सध् -सध् कर,
सब प्रेम सुधा-रस पाउँगा.
हे प्रिय! मेरी तुम श्वास मेरी,
तुझे हर छण जीता जाऊँगा .
कल्पना में भी तुझ बिन जीवन, इन दुश्वारी झंझातों में.
मैं छण-छण सदियाँ जीता हू, तेरी गह-कजरारी आँखों में....
द्वारा - अविलाष
दिनाँक - १८-०६ -२०१६
मेरी नैन लगे तेरी साँसों में
मैं छण-छण सदियाँ जीता हू, तेरी गह -कजरारी आँखों में....
यों पीता हूँ तेरे नेत्र-रस,
ज्यों ज़नम-ज़नम की प्यास लगे.
जैसे भ्रमर आवारा भटकल में,
उसे पुष्प-मिलन की आस लगे.
मैं ओढ़ हया लू सब तेरी, इन बदरारी बरसातों में.
मैं छण-छण सदियाँ जीता हू, तेरी गह -कजरारी आँखों में....
तेरी श्वाँस लगे मधुकर-चंदन,
मेरी रात्रि मधुर सावन-सी लगे.
तेरी बाँहों की वरमाला में,
मुझे आस लगे मेरी प्यास बुझे.
मेरा अन्तर-आत्म भीग गया,
तेरे प्रेम का सावन अस बरसे.
मेरा हिया-मयूर हर्षित होकर ,
तेरे प्रेम-मिलन का नृत्य करे.
मेरा तन-मॅन तुझ में डूब गया, इन बूँदियारी बरसतों में.
मैं छण-छण सदियाँ जीता हू, तेरी गह -कजरारी आँखों में....
मुझे प्रेम- पथिक तू अपनाले,
मैं प्रेम-रसिक बन जाऊंगा.
हिय में रख कर तेरा स्नेह-शुभ्र,
तेरा अनुग्रही कहलाऊँगा .
मैं प्रीत में तेरी सध् -सध् कर,
सब प्रेम सुधा-रस पाउँगा.
हे प्रिय! मेरी तुम श्वास मेरी,
तुझे हर छण जीता जाऊँगा .
कल्पना में भी तुझ बिन जीवन, इन दुश्वारी झंझातों में.
मैं छण-छण सदियाँ जीता हू, तेरी गह-कजरारी आँखों में....
द्वारा - अविलाष
दिनाँक - १८-०६ -२०१६
Impressive work..
ReplyDeleteThankyou! Very Much :)
DeleteThat is what it was for ;-)
Impressive work..
ReplyDeletei have been looking for me .. ! :P bdw that blog or poem u were wrote and there meaning is really good , work done by you is immense.
ReplyDeleteKamal karte Ho Rathore Sahab....Thanku vermuch. :)
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