तेरे साथ जीने को जन्मा हूँ प्रियतम,
जो तू न हो संग में तो दुनिया का क्या है ?
सफ़र ना कटेगा अकेले में मुझसे,
जो तू हो सफ़र में तो रस्ते का क्या है ?
चलूँगा मैं संग में ही तेरे मुसाफ़िर, मिला मुझको तुझमे ही जीवन मिला है।
गीले - शिक़वे जीवन के आधार से हैं,
चढ़ते - उतरते ये पतवार से हैं।
बदलने की क्षमता ना तुझमे ना मुझमे,
ये स्थिर प्रकीर्ति के व्यवहार से हैं।
तेरे साथ होने से रस्ता खुला है, मिला मुझको तुझमे ही जीवन मिला है।
तेरे हाथों में दी है जीवन की डोरी,
हिय से बंधी जो तेरे संग मेरी।
महशुस करले ओ मेरी चकोरी !
मैं चँदा हूँ तेरा जो लूँ तेरी फेरी।
जीवन जो संग बढ़ने का सिलसिला है, मिला मुझको तुझमे ही जीवन मिला है।
साथी मेरे मैं तुझे क्या बताऊँ,
तेरे साथ ही अपनी दुनिया मैं पाऊँ।
जो जीने का मतलब मुझे कुछ पता है,
वो तेरी ही छाया में जीता मैं जाऊँ।
उन राहों का क्या जो मैं तुझसे ना जाऊँ,
मैं खुदको सदा तेरी गलियों में पाऊँ।
जीवन का आधार तुझसे चला है, मिला मुझको तुझमे ही जीवन मिला है।
तेरी मुझसे क्यूँ ये नाराज़गी है,
करी मैंने तुझसे ही की दिल्लगी है।
साँसों की मेरे तुही बन्दगी है,
जो है तू तो मुझमे चली जिंदगी है।
तेरा प्रेम मेरी रगों में बहा है, मिला मुझको तुझमे ही जीवन मिला है।
द्वारा - अविलाष कुमार पाण्डेय
दिनाँक - २९. ०७. २०१६
जो तू न हो संग में तो दुनिया का क्या है ?
सफ़र ना कटेगा अकेले में मुझसे,
जो तू हो सफ़र में तो रस्ते का क्या है ?
चलूँगा मैं संग में ही तेरे मुसाफ़िर, मिला मुझको तुझमे ही जीवन मिला है।
गीले - शिक़वे जीवन के आधार से हैं,
चढ़ते - उतरते ये पतवार से हैं।
बदलने की क्षमता ना तुझमे ना मुझमे,
ये स्थिर प्रकीर्ति के व्यवहार से हैं।
तेरे साथ होने से रस्ता खुला है, मिला मुझको तुझमे ही जीवन मिला है।
तेरे हाथों में दी है जीवन की डोरी,
हिय से बंधी जो तेरे संग मेरी।
महशुस करले ओ मेरी चकोरी !
मैं चँदा हूँ तेरा जो लूँ तेरी फेरी।
जीवन जो संग बढ़ने का सिलसिला है, मिला मुझको तुझमे ही जीवन मिला है।
साथी मेरे मैं तुझे क्या बताऊँ,
तेरे साथ ही अपनी दुनिया मैं पाऊँ।
जो जीने का मतलब मुझे कुछ पता है,
वो तेरी ही छाया में जीता मैं जाऊँ।
उन राहों का क्या जो मैं तुझसे ना जाऊँ,
मैं खुदको सदा तेरी गलियों में पाऊँ।
जीवन का आधार तुझसे चला है, मिला मुझको तुझमे ही जीवन मिला है।
तेरी मुझसे क्यूँ ये नाराज़गी है,
करी मैंने तुझसे ही की दिल्लगी है।
साँसों की मेरे तुही बन्दगी है,
जो है तू तो मुझमे चली जिंदगी है।
तेरा प्रेम मेरी रगों में बहा है, मिला मुझको तुझमे ही जीवन मिला है।
द्वारा - अविलाष कुमार पाण्डेय
दिनाँक - २९. ०७. २०१६