नित नेत्र मेरे तुझे याद करें,
या जीवन अंधतम हो जाए.
तेरी छाया मुझपर प्रति छन हो,
या धरा अनल-सम हो जाए.
मैं चिर-विलीन का व्रत करलू, तू आत्म मे मेरी खो जाए,
मेरा मन अल्हड़ तुझे जोड़े रखे, मेरा काव्य तेरे सम हो जाए.
मैं प्रेम-रहित वंचित मनुस्य,
तेरी धारा में तर- भीग गया.
तेरी छाया की स्थिरता ने,
मेरी दरिद्रता को चीर दिया.
मैं दीन-हीन जीवन-रस से, तेरी चाह मे तन-मन जल जाए,
मेरा मॅन अल्हड़ तुझे जोड़े रखे, मेरा काव्य तेरे सम हो जाए.
तूने प्रेम का कर व्यवहार मुझे,
मेरे अंतर्मन को जीत लिया,
मैं प्रीत में तेरी विह्वल हो,
सत्-जीवन तुझपे बीत दिया.
अब जो करले मैं तेरा हू, तेरी राह मे प्राण निकल जाए,
मेरा मॅन अल्हड़ तुझे जोड़े रखे, मेरा काव्य तेरे सम हो जाए.
तूने प्रीत किया, मुझे जीत लिया,
हिय-ज्वालाग्नि को शीत दिया,
मेरी श्वास को अमर ज्वलन देकर,
मेरी भौतिकता को कृत्य किया.
मैं भाव-विहोर तेरे मॅन पे, मेरा जीवन तुझपर फल जाए.
मेरा मॅन अल्हड़ तुझे जोड़े रखे, मेरा काव्य तेरे सम हो जाए.
द्वारा- अविलाष!
17/06/2016
या जीवन अंधतम हो जाए.
तेरी छाया मुझपर प्रति छन हो,
या धरा अनल-सम हो जाए.
मैं चिर-विलीन का व्रत करलू, तू आत्म मे मेरी खो जाए,
मेरा मन अल्हड़ तुझे जोड़े रखे, मेरा काव्य तेरे सम हो जाए.
मैं प्रेम-रहित वंचित मनुस्य,
तेरी धारा में तर- भीग गया.
तेरी छाया की स्थिरता ने,
मेरी दरिद्रता को चीर दिया.
मैं दीन-हीन जीवन-रस से, तेरी चाह मे तन-मन जल जाए,
मेरा मॅन अल्हड़ तुझे जोड़े रखे, मेरा काव्य तेरे सम हो जाए.
तूने प्रेम का कर व्यवहार मुझे,
मेरे अंतर्मन को जीत लिया,
मैं प्रीत में तेरी विह्वल हो,
सत्-जीवन तुझपे बीत दिया.
अब जो करले मैं तेरा हू, तेरी राह मे प्राण निकल जाए,
मेरा मॅन अल्हड़ तुझे जोड़े रखे, मेरा काव्य तेरे सम हो जाए.
तूने प्रीत किया, मुझे जीत लिया,
हिय-ज्वालाग्नि को शीत दिया,
मेरी श्वास को अमर ज्वलन देकर,
मेरी भौतिकता को कृत्य किया.
मैं भाव-विहोर तेरे मॅन पे, मेरा जीवन तुझपर फल जाए.
मेरा मॅन अल्हड़ तुझे जोड़े रखे, मेरा काव्य तेरे सम हो जाए.
द्वारा- अविलाष!
17/06/2016
Really nice 'kaavya'..all the best!
ReplyDeleteThanku.😊
Deletemeri laate or tere bum ho jaye
ReplyDeletejyada ganjha daru kam ho jaye
sutte ko aag lage
aur gala ye nam ho jaye
laundey jaye bhad me
ladkiya prasann ho jaye
udakar tankhva teri
khush mera man ho jaye
agar esa kahin sam ho jaye
to insha allah
tera kavya mere sam ho jaye
Good work...keep it up....very impressive....and check ur roof some girls must be falling on u :)
Deleteati uttam bhaijaan. we are an endangered species.
ReplyDeleteVery touching . Good luck.
ReplyDeleteThanku very much. :)
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