Thursday 30 July 2020

।। आज - कल ।।

जीवन से भरे सब रंग मेरे 
संगीत-समां सब दिन बिसरे
जो है इस पल बस जीवन है
कल की बातें कल ही न करें।।

क्यों जीना है उन लम्हों को
जिसमें उलझन के हों नखरे
मन को समझा बहला फुसला 
निज-माया में भूले-बिसरे
नव-प्रभा मेरे जब सम्मुख है
तो बात निशा की कौन करे ?
जो है इस पल बस जीवन है
कल की बातें कल ही न करें।।

आता-जाता हर छण प्रतिपल
जो बीत गया वो अटल, अचल 
बस आज में जीवन रस अविरल 
चख ले जितना भर ले अंजलि 
जब मन-मन्दिर आनन्द बसा 
खुशियों के बादल ही पसरे 
जो है इस पल बस जीवन है
कल की बातें कल ही न करें।।

जो बात आज में कभी नहीं 
ये घड़ियाँ ना दोहरायेंगी 
कल की राहों की चाह में बस 
ये नज़रें सुखी जयेंगी 
जीवन ना रुका है मेरे लिये 
तो प्राण प्रतीक्षा क्यों ही करें ?
जो है इस पल बस जीवन है
कल की बातें कल ही न करें।।

जो आज बनेगा सफल तेरा 
कल स्वयं ही राह बनायेगा 
तू आज, अभी बस करता जा 
तेरा कल ना कभी फिर आयेगा 
जब कल को आज बना सकते 
तो व्यर्थ मनोरथ क्यों ही करे ?
जो है इस पल बस जीवन है
कल की बातें कल ही न करें।।

द्वारा - अविलाष कुमार पाण्डेय 
दिनाँक - ३०. ०७. २०२० 

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