Thursday 4 May 2017

।। Deep into the Valley ।।

तुम चंद्र-कला सी चतुर अरी !
छण ओझल छण में  प्रकाश भरी
तेरी गति अचल हे सौम्य-सरि !
झर-झर बह जाये तू निर्झरी ।।


तेरा असीम जो दृष्य मिले
मन विह्वल होकर पूर्ण खिले
मै मिट जाये आनंद तले
छाया भी तेरी जो अर्ध मिले
हैं मायावी सब काज तेरे
बन जाऊँ माया का प्रहरी
स्तब्ध नेत्र बस दर्शक हैं 
तू मुझसे ऐसी जो बिखरी
हे चन्द्रकला ! हे कुटिल अरि ! झर-झर बह जाये तू निर्झरी ।।
तेरी गति अचल हे सौम्य-सरि ! झर-झर बह जाये तू निर्झरी ।।


कमती - बढ़ती ये ओज तेरी
गति-घर्षण मे हिय-चाल मेरी
उलझा मेरा अम्बर किसमे
क्या कोई मायाजाल तेरी
सिखा तूने चंचलता अस
क्या स्रोत तेरा है वही शशि
समता पाऊँ मै दोनों मे
गुण दोनों के मन मे पसरी
हिय हार दिया तुझपे मैंने, हे सुर-नारी! हे निरा -सुंदरी !
तेरी गति अचल हे सौम्य-सरि ! झर-झर बह जाये तू निर्झरी ।।


निर्झर, झर-झर-सी बह जाये
तू हाथ मेरे न कभी आये
क्यूँ  व्यर्थ ही करे परिश्रम जड़
जब अन्तर्मन भी नत जाये
कुछ रह जाये तू बह जाये
तेरी तीव्र धार सब दह जाये
राहें तेरी सँकरी- टेढ़ी
मन पीछा भी ना कर पाये
मै साधारण तू दिव्य कोई
रहस्य का पार भी क्या पाये
तेरी चाल दिव्य मै अक्षम अलग
तू साथ मुझे न कभी पाये
तेरी दयता पे हूँ निर्भर मै, हे दयावान ! हे देव-वरी !
तेरी गति अचल हे सौम्य-सरि ! झर-झर बह जाये तू निर्झरी ।।


कैसे तेरी पहचान करूँ
पल-पल धर ले तू रूप नया
कभी पूर्ण श्वेत-प्रस्तर तू लगे
कभी ज्वाल भरे है रूप तेरा
हर पल बहती तू हवा लगे
मुझको छू जाये अक्स तेरा
बह जाये धार जो स्वर्ण तेरी
चक्षु बंध जाये तू घना कुहरा
अम्बर के  घने श्रृंगार में तू
कभी झर जाये शीतल बदरी
कभी रंग जाये तू पुष्पों में
सब रंग लगे तेरी कज़री
बेबस करदे तू इंद्रधनुष को, नृत्य करे बनके चकरी
तू गुप्त रहे उसके सम्मुख, तू स्वर्ग से उतरी कोई परी


मन को जोड़े तू आतम से
क्या कोई रूप सुरा ने धरी
विचलित करदे संज्ञान मेरे
जब कंठ तरे मेरे उतरी
जस-जस तू मिले मेरे आतम से
तेरी हो जाये देह मेरी
मै पीता जाऊँ बस तुझको
सुर में जो मिली मुस्कान तेरी
मुस्कान, ठगी की क्रीड़ा में मैं
उलझा भटका हे निशा-अरि !
उत्कृस्ट अदा मनमोहकता
तू विरल सरस रस की गगरी
मद में तेरे जो रस गटका, सब आप संभाल हे सुरा मेरी !
तेरी गति अचल हे सौम्य-सरि ! झर-झर बह जाये तू निर्झरी ।।



द्वारा - अविलाष कुमार पाण्डेय 
दिनाँक - ०५.०५ .२०१७ 


















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